संजय दीक्षित ने बयान में कहा कि “कौन कहता है मंदिरों में जाति पूछी जाती है ?

IAS संजय दीक्षित ने बयान में कहा कि “कौन कहता है मंदिरों में जाति पूछी जाती है ?

जाति मंदिरों में नहीं, सरकारी नौकरी में, राशन, स्कालरशिप और संविधान में पूछी जाती है।”

हालांकि इससे पहले भी IAS दीक्षित ने टिप्पणी में कहा था कि “ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण और शूद्र का बेटा शूद्र ही रहेगा, यह बात मनुस्मृति नही, बल्कि भारतीय संविधान का जाति प्रमाण पत्र कहता है !”

आगे उन्होंने सनातन धर्म की तारीफ की और कहा था कि “बाकी सनातन धर्म में तो व्यास, वाल्मीकि, रविदास को भी ब्राह्मण तथा संत की श्रेणी में रखा गया था। कर्म से महान, जय श्री परशुराम।”

कौन हैं IAS संजय दीक्षित:

राजस्थान कैडर के 1986 बैच के IAS अधिकारी हैं संजय दीक्षित जोकि सोशल मीडिया पर एक लेखक की पहचान भी रखते हैं। वो द प्रिंट व स्वराज्यमग के लिए कॉलमिस्ट भी हैं। जबकि राजस्थान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। साथ ही राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं।

वैसे तो ब्राह्मणों ने जातियाँ बनाई नही है।

ये खुद समय के साथ अपने आप बन गई है।

लेकिन

मान लिया कि उन्होंने ही बनाई है तो फायदा किसका हुआ?

पहले के जमाने मे कमाने खाने के लिए सरकारी नौकरी तो होती नही थी।

ब्राह्मणों ने पूरा फर्नीचर व्यवसाय बढ़ई को दिया।

रियल सेक्टर कुम्हार को दिया।

लेदर का व्यवसाय चर्मकार को दिया।

डिलीवरी का व्यवसाय भी चर्मकार को दिया ।

दूध का व्यवसाय यादव को दिया।

टेक्सटाइल का दर्जी को दिया।

हथियार का व्यवसाय लुहार को दिया।

बर्तन का ठठेरे को दिया।

पत्तल का बारी को दिया।

सूप का धरिकार को दिया।

चूड़ी व्यवसाय मलिहार को दिया।

मीट का खटीक को दिया।

फूल का माली को दिया।

तेल का व्यवसाय तेली को दिया।

जिससे सबको रोजगार मिला।

इन सारे सम्मानित व्यवसाइयों को आज संविधान ने पिछड़ा अछूत बना दिया है।

क्षत्रियो को वो काम दिया जिससे जवानी में औरतें विधवा और बच्चे अनाथ हो जाते हैं। जो कोई भी नही करना चाहेगा

अपने लिए भिक्षा माँगना और अध्यापन रखा

आखिर सब व्यवसाय जिससे भारत पूरी दुनिया मे सोने की चिड़िया था।

ब्राह्मणों ने क्षत्रियों के हिस्से में बलिदान दिया और स्वयं ब्राह्मणों के हिस्से में भिक्षाटन आया तो फिर उन्होंने जाती व्यवस्था में अन्याय कैसे किया?

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: