#आईएमए #IMA
आईएमए का स्वाधीनता संग्राम में योगदान.
IMA इसाई धर्म को प्रोमोट करता है..IMA ब्रिटिश की बनाई गई संस्था है..ये सब क्यो बोला जा रहा है? IMA के खिलाफ नफरत क्यो फैलाई जा रही है? क्योंकि IMA ने कांग्रेस के नेतृत्व में जंगे आजादी में हिस्सा लिया था..IMA ने आजादी में बड़ी कुर्बानियां दी है..
★★ IMA के साथ सरदार पटेल का भी गहरा रिश्ता रहा है..सरदार पटेल का इलाज करने वाले डॉक्टर नीलरतन सरकार 1918 में IMA के प्रेसिडेंट थे और एक ईसाई थे..सरदार पटेल के दूसरे चिकिस्तक डॉक्टर विधान चन्द्र रॉय भी IMA के सदस्य थे..डॉक्टर रॉय आजादी के सिपाही, नेहरुजी के साथी और पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री थे..
✋ IMA का गठन 1917 में हुआ था..कल्पना कीजिए, उस वक्त भारत मे आजादी की भावना तूफान का रूप ले रही थी..ऐसे वक्त में IMA के डॉक्टर्स ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और जेल गए..ये सारे डॉक्टर कांग्रेस के सदस्य थे..कुछ महान कांग्रेसी डॉक्टर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम जो IMA के सदस्य थे
★★ डॉ के. एस. रॉय, डॉ नीलरतन सरकार, डॉ विधान चन्द्र रॉय, डॉ एम. ए. अंसारी, डॉ कर्नल भोलानाथ, डॉ मेजर एम. जी.नायडू, डॉ बी.एन. व्यास, डॉ डी. सिल्वा, डॉ एन. ए. घोष, डॉ डी. ए. चक्रवर्ती, डॉ विश्वनाथन, कैप्टेन डॉ बी. मुखर्जी (500 से ज्यादा नाम है..सारे कांग्रेस के सदस्य)
◆ राम किशन यादव उर्फ रामदेव जब IMA को ईसाई धर्म से जोड़ कर नफरत फैलाता है तब रामदेव देश की आजादी के सिपाहियों को खुलेआम गाली देने का काम करता है..क्योंकि IMA ने कांग्रेस के साथ मिल कर ब्रिटिश की जड़ हिला दी थी..ये है असली तकलीफ..
IMA का अपमान देश की आजादी का अपमान है..रामदेव जैसे लोग देश के खिलाफ एजेंडा चला रहे है..हम आजादी के सिपाहियों के साथ है.
आईएमए शुरू से एक देश भक्त संस्था रहा है
जब भी देश पर संकट आया है
आईएमए देश सेवा में आगे रहा है
कोरोना काल में भी आईएमए ने ना केवल पीएम केयर फंड और अन्य जगह चंदा दिया
बल्कि ima में सदस्य अपनी जान पर खेल कर रात दिन मरीजों।के इलाज में लगे रहे ना जाने कितने सदस्यों को।अपनी जान गंवानी पड़ी
आईएमए किसी भी राजनैतिक विवाद से दूर रहने वाली संस्था है
ऐसी संस्था पर सवाल खड़े करना दुर्भाग्य पूर्ण है
जय हिन्द
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