बहुत अच्छा प्रयास हो रहा है मेडिकल कॉलेज अपने गौरव की पुनर्प्राप्ति की ओर अग्रसर है। अविभाजित भारत में जब चार मेडिकल स्कूल थे उनमें से एक है मेडिकल कॉलेज आगरा। लाहौर कोलकाता मद्रास और आगरा कितनी बड़ी बात है। बीच का समय ऐसा था जब वह सम्मान नहीं रहा जो सम्मान आज से 30 साल पहले था परंतु समय बदलता है नया सर्जिकल ब्लॉक बना नया। सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनकर तैयार है और अब कैंसर का बड़ा सुपर स्पेशलिटी सेंटर बनने की योजना हो रही है ।मेरा व्यक्तिगत स्वार्थ कैंसर विभाग से इसलिए भी है क्योंकि इसी विभाग से मेरी एमडी है ।बीच में बिल्कुल बंद हो गया था कैंसर विभाग ।जब पुरानी एल्डोराडो सिकाई की मशीन एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड ने बंद करा दी थी। वह 30 वर्ष से अधिक पुरानी मशीन थी। लगभग 4 वर्ष बंद रहा मेडिकल कॉलेज का कैंसर विभाग। उस समय मैंने कामायनी में कैंसर विभाग चालू किया था कोबाल्ट और एसडीआर ब्रेकिथेरेपी खरीदी। उस समय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर देवकीनंदन शर्मा थे। वह एक आदर्श चिकित्सक थे अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर थे काम को परफॉर्म करने की उनकी बड़ी जबरदस्त इच्छा शक्ति के धनी थे। उन्होंने मुझे बुलाया लगातार संपर्क में रहता था मैं। क्योंकि उस समय मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन नहीं था। वह गरीब मरीजों का कम पैसों में कभी बहुत गरीब है तो बिल्कुल फ्री करने का बहुत अधिकार पूर्वक कहते थे। मेरे गुरु थे मुझे बुलाकर उन्होंने कहा मुनीश्वर इस मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग को चालू कराओ और बिल्कुल वही दोनों मशीनें बहुत रीजनेबल रेट पर उन्होंने खरीदी । फिर से कैंसर डिपार्टमेंट चालू हुआ और सुरभि गुप्ता की मेहनत से बहुत नाम भी हुआ इस विभाग का और सुरभि भी कैंसर दीदी के नाम से मशहूर हो गई और अब वह प्रगति की ओर है ।यह बहुत सौभाग्य की बात है निश्चय ही कैंसर विभाग मरीजों की सेवा में नए प्रतिमान खड़ी करेगा। dr muneeshwar
SEARCH THIS SITE
categores
alexaVerifyID”
Goodreads
Join 2,004 other subscribers
Blogroll
contact information
91 135 2621343,9837425545
consulting hours-10 AM to 8 PM