Asrakshan

सेवा में ,

माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी,

प्रधानमंत्री ,

भारत सरकार ,

नई दिल्ली

विषय- भारत में आरक्षण को समाप्त किये जाने एवं पदोन्नति में आरक्षण हेतु 117वें संबिधान संशोधन बिल को निरस्त किये जाने विषयक |

माननीय महोदय ,

सौभाग्य की बात है कि बहुत समय बाद भारत में आपके कुशल नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की केन्द्रीय सरकार विद्यमान है।

आपके मेक इन इंडिया , स्वच्छता अभियान व नोट बंदी जैसी कई योजनाओं का हम ह्रदय से पूर्ण समर्थन करते हैं ।

*माननीय महोदय* ,

जैसा कि आप जानते हैं कि समाज के पिछडे वर्गों के लिये संविधान में मात्र *दस वर्षों के लिये आरक्षण* की व्यवस्था की गयी थी, किन्तु जातिवादी व निहित कारणों से जाति आधारित आरक्षण की अवधि व क्रीमीलेयर की सीमा को बारंबार बिना समीचीन समीक्षा के बढाया जाता रहा है ,

जिसे कि 10– 10 वर्ष करते करते आज 67 वर्ष पूरे हो गए हैं ।

*आज तक ऐसे आरक्षण प्राप्त डॉक्टर, इंजीनियर , प्रोफेसर , शिक्षक, कर्मचारी किसी ने नहीं कहा कि अब वह दलित या पिछड़ा नहीं रहा व अब उसे जातिगत आरक्षण की जरुरत नहीं है।*

*इससे सिद्ध होता है कि आरक्षण का आधार पिछड़ा वर्ग या समूह के बजाय जाति किये जाने से इन 67 सालों में कोई लाभ नहीं हुआ है।*

महोदय ,

*इस जाति आरक्षण का लाभ जहां कुछ खास लोग परिवार समेत पीढी दर पीढी लेते जा रहें हैं वहीं वे इसे निम्नतम स्तर वाले अपने ही जरूरतमंदों लोगों तक भी नहीं पहुंचने दे रहे हैं। अन्यथा इन 67 वर्षों में हर आरक्षित वर्ग के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुँच चुका होता।*

*ऐसे तबके को वे केवल अपने बार बार लाभ हेतु संख्या या गिनती तक ही सीमित कर दे रहे हैं।*

महोदय,

*गरीबी जाती देखकर नहीं आती*

*आरक्षण का आधार जाति किये जाने से जहाँ सामान्य वर्ग के तमाम निर्धन व जरूरतमंद युवा बेरोजगार व हतोत्साहित हैं , कर्मचारी कुंठित व उत्साहहीन हो रहे हैं,*

*वहीं समाज में जातिवाद का जहर बड़ी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है।*

अत: आपसे निवेदन है कि राष्ट्र के समुत्थान व विकास के लिये संविधान में संशोधन करते हुये आरक्षण को समाप्त करने का कष्ट करेंगे ।

किसी भी जाति – धर्म के असल जरूरतमंद निर्धन व्यक्ति को *आरक्षण नहीं बल्कि संरक्षण* देना सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए ।

*आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त करने से पहले अगर वंचित वर्ग तक इसका ईमानदारी से वास्तव में सरकार लाभ पहुँचाना चाहती है तो इस आरक्षण को एक परिवार से एक ही व्यक्ति , केवल बिना विशेष योग्यता / कार्यकुशलता वाली समूह ग व घ की नौकरियों में मूल नियुक्ति के समय ही दिया जा सकता है।*

*आयकर की सीमा में आने वाले व्यक्ति के परिवार को आरक्षण से वंचित किया जाना चाहिये ताकि राष्ट्र के बहुमूल्य संसाधनों का सदुपयोग सुनिश्चित हो सके।*

*पदोन्नति में आरक्षण तो पूर्णत: बंद कराया ही जाना चाहिये जिससे कि योग्यता, कार्यकुशलता व वरिष्ठता का निरादर न हो।*

आशा है कि महोदय राष्ट्र व आमजन के हित में इन सुझावों पर ध्यान देते हुये समुचित कार्यवाही करने व इस हेतु जन जागरण अभियान प्रारंभ कर मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने का कष्ट करेंगे |

वन्दे मातरम् ।

भवदीय……

अखिल भारतीय समानता मंच ।

🙏 *विशेष निवेदन /आग्रह*🙏

*जन जागृति* के लिए आपको सिर्फ 10 लोगो को ये मेसेज फॉरवर्ड करना है और वो 10 लोग भी दूसरे 10 लोगों को ये मेसेज करें ।

इस प्रकार

1 = 10 लोग

यह 10 लोग अन्य 10 लोगों को मेसेज करेंगे

इस प्रकार :-

10 x10 = 100

100×10=1000

1000×10=10000

10000×10=100000

100000×10=1000000

1000000×10=10000000

10000000×10=100000000

100000000×10=1000000000

(100 करोड़ )

बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते सिर्फ आठ steps में पूरा देश जुड़ जायेगा।

Regards forward as received

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