मोदी चाचा

मोदी चाचा को सलाम,

चाचा जी हम डॉक्टर्स ने क्या गलती कर दी जो आप लंदन जा कर भी हमे नही भूले और हमे जुतिया दिया।

हां एक गलती तो हमने करी थी जब हम छोटे बच्चे थे कि हमारे मा बाप ने हमसे पूछा था कि बड़े हो कर क्या बनोगे तो हमने तुतली आवाज में कहा था कि दादकर,

दूसरी गलती तब करी जब सब बच्चे मजे से खेलते थे तब हम जी जान लगा कर दिन रात पढ़ते थे क्योंकिं हमें तो mbbs में भर्ती होने था।

तीसरी गलती तब करी थी जब सभी दोस्त ,जो डॉक्टरी की पढ़ाई नही कर रहे थे, अपनी दोस्तो के साथ हंसी ठठा करते थे,तब हम मरीजो के बीच में अपने सीनियर तथा अपने टीचर्स की छिड़की खा-खा कर भी दिलो जान से पढ़ व सीख रहे थे क्योंकि हमें तो डॉक्टर जो बनाना था

चौथी गलती तब करी जब साथ के दूसरे प्रोफेशन के लोग तथा bussiness करने वाले, व नेता बने दोस्त बड़ी- बड़ी कारो में घूम रहे थे हम बड़े बड़े लोन ले कर क्लिनिक बना कर मरीजो की सेवा करे थे ।हाँ, उस समय ये सकूँ था कि मरीज ठीक होने के बाद पैसे चाहे काम देता था पर दुआए बहुत देता था।

पाचवी गलती तब करी जब हम ये समझ न पाए कि पता नही क्या कब कैसे माहौल बदलने लगा और सभी नेता और मीडिया डॉक्टर को चोर लुटेरा तथा खूनी कहने लगा और धीरे धीरे जनता भी डॉक्टर्स को चोर लुटेरा तथा खूनी कहने लगी ।

आज बची खुची उम्मीद भी मोदी चाचा जी आपने तोड़ दी। हमे लगता था आप प्रधान मंत्री हो गएहैं आप “सबका साथ सबका विकास” की बात करते है, शायद अब डॉक्टर्स की पुरानी इज्जत वापस मिल जाएगी , डॉक्टर्स के भी अच्छे दिन आ जाएंगे।परन्तु आपने विदेशी धरती पर जो जूते भिगो भिगो कर हम डॉक्टर्स को मारे है उस के बाद हमारी सारी उम्मीदें दम तोड़ चुकी है। अब हमारे देश का एक एक डॉक्टर नाउम्मीद हो चुका है और सोचने पर मजबूर है, जाए तो जाए कँहा , करे तो करे क्या ।

मोदी चाचा , कुछ गलत लिख दिया हो तो माफ् करना।

समस्त डाक्टर बिरादरी

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