आई॰एम॰ए॰ उचित संशोधन करने के लिये स्वतंत्र है !
१-अस्पताल में ट्रेंड स्टाफ़ ज़रूरी !
आपत्ति – जहाँ ज़रूरी होता है कार्य ट्रेंड स्टाफ़ से ही कराया जाता है अन्यथा डॉक्टर स्वयं उस कार्य को करते है , पूरे के पूरे स्टाफ़ को बदलने से बरोज़गारी बढ़ेगी और फिर ट्रेंड स्टाफ़ सरकार के पास तो पूरा नहीं है हमें कहाँ से मिलेगा और उनकी भारी भरकम तनखा कहाँ से पूरी होगी ,मरीज़ों को ही अधिक पैसे चुकाने होंगे !
२- इमरजेसी में हर मरीज़ को इलाज देना ज़रूर्री !
आपत्ति – उदारहन के लिये यदि किसी हड्डी के डॉक्टर या चरम रोग के डॉक्टर के पास इमरजेसी में हार्ट अटैक का मरीज़ आता है तो ये मरीज़ के हित में होगा की उसे तुरंत ही फ़र्स्ट ऐड के बाद कार्डीआलॉजिस्ट के पास भेजा जाय ना की उसका क़ीमती समय बर्बाद किया जाये, मरीज़ को देर तक रोकने से उसकी जान को पूरा पूरा ख़तरा पैदा होगा !
३- इलाज के दाम सरकार तय करेंगी !
आपत्ति- दवाइयों के दाम सरकार तय करे ठीक है पर पूरे इलाज के दाम यदि सरकार या कोई अन्य तय करेगा तो इलाज करना और कराना दोनो ही असम्भव है , ये तो वो बात हो गयी की बड़े होटेल में रोटी के दाम सरकार इसके प्रति किलो आटे के रेट के हिसाब से तय करे तब तो चल गया होटेल !
४- अस्पताल का स्तर बढ़ा कर सुविधा बढ़ानी होगी !
आपत्ति – हम कम ख़र्चे पर छोटा सा क्लीनिक चला कर गाँव, पहाड़ में ग़रीब लोगों को अपनी सस्ती सेवा दे रहे है तो इलाज को ३ गुणा महंगा क्यों करें, क्यों ग़रीब जनता का शोषण करें !
५- सरकारी कर्मचारी कभी भी कर सकेंगे निरीक्षण !
आपत्ति-बार बार अस्पताल में काग़ज़ी कार्यवाही के लिये सरकारी बाबुओं के आने से मरीजो के इलाज में बाधा उत्तपन होगी , इससे गम्भीर मरीज़ों की जान भी जा सकती है !
६- मरीज़ को बीमारी के इलाज का तरीक़ा और ख़र्चा बताना होगा !
आपत्ति- भर्ती से पहले मोटा मोटा ख़र्चा मरीज़ को हर कोई बताता है , ऑपरेशन में मरीज़ की जान बचाने के लिये विधि बदलनी पड़ सकती है , अगर केवल बताई गई विधि से इलाज सम्भव नहीं है तो क्या केवल टाँके लगा कर ऑपरेशन बंद कर दें , जो की मरीज़ और उनके साथ वालों को मंज़ूर नहीं होगा !
७-इलाज की रेट लिस्ट डिस्प्ले करनी होगी !
आपत्ति – सामान्य परिस्थिति की रेट लिस्ट हर अस्पताल में डिस्प्ले होती है , लेकिन गम्भीर और लम्बे इलाज की रेट लिस्ट लिखना सम्भव नहीं है , मरीज़ों के आवेदन पर बी॰पी॰एल॰ व अन्य मरीज़ों को रियायत भी दी जाती है , इससे रियायत देने में दिक़्क़त होगी !
८- मरीज़ का इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड रखना अनिवार्य है !
आपत्ति – अस्पताल में ३ वर्षों तक सभी मरीज़ों का रिकार्ड रखा जाता है , इसे इलेक्ट्रोनिक रूप में रखने से इलाज का ख़र्चा मरीज़ पर बढ़ जायेगा, गाँव पहाड़ों में बिजली तो आती नहीं कम्प्यूटर कैसे चलाये !
९- नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेन्स रद होगा !
आपत्ति- यदि इस तरह नियमो के उल्लंघन पर लाइसेन्स रद होगा तो मैं समझता हु सारे सरकारी दफ़्तरों पर ताले लग जायेंगे ! बहुत अच्छा,जो तुम्हारी जान बचाने को रात को २-३ बजे उठे उसका लाइसेन्स रद करने की सोचों, प्रदेश किस दिशा में जा रहा है !
१० -ये बात निश्चित है की ऐक्ट के लगने से हर तरह के मॉर्टैलिटी, महंगाइ में वृद्धि होगी , कही सरकार इस तरह जनसंख्या नियंत्रण तो नहीं करना चाहती , सरकार सस्ते टेलिविज़न बेच कर भी जनसख्या नियंत्रण करती रही है ,इस पर भी विचार होना चाहिये !
सादर प्रेषित !
डॉ०
विकास नगर !










