Strike

अपनी अंतरात्मा को जगाए ,संघर्ष करने वालों का साथ दें धोखा नहीं करे

जयपुर जैसा मैंने देखा !!

कल 20 मार्च 2023 को राजस्थान की हठधर्मी गहलोत सरकार द्वारा लाए जा रहे RTH बिल के खिलाफ निजी चिकित्सा कर्मियों द्वारा बुलाए गए जयपुर कूच में शामिल होने के लिए अपनी सीनियर डॉक्टर अनिल सुराना बॉस के साथ जयपुर पहुंचे । JMA में आयोजित मीटिंग में जाते वक्त स्टेच्यू सर्किल को पर वक्त मेरे स्टाफ ने वहां मौजूद करीब 500 पुलिस , STF, QRT , water canon tank , आंसू गैस के हथियार और रबर की गोलियों वाली मशीन गन की गाड़ी को देख कर मुझे कहा ” सर, लगता है , यह तैयारी आप लोगों के लिए की गई है “| ये सुन कर और देख कर एक बार तो पूरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गई । अब मन में हल्का हल्का डर भी लगने लगा ।
JMA पहुंच कर जब वहां हालात देखा तो मुझे वहां जालियां वाला बाग साक्षात दिखाई देने लगा । हर चेहरे पर गुस्सा , तनाव , सरकार से लड़ने का जज़्बा था l
हर डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मी अपने दोस्तों को उत्साहित करता दिखा । अगर वहां कोई नहीं था तो वो था “डर”!
मैने अपने 48 साल के जीवन में अपने दोस्तों को इतना उत्साहित कभी नहीं देखा था । मीटिंग के बाद जब हमारा करीब 2 किलोमीटर और 7000 से 8000 लोगों का काफिला गगनभेदी नारे लगाता हुआ निकला तो मानो पूरा शहर सिहर उठा था । हर चेहरे पर अब क्रांतिकारी लिखा हुआ साफ पढ़ा जा रहा था । मैंने अपने दोस्तों को कब इतना खुश देखा था , याद ही नहीं आता । वो अनिल बॉस के जोश से भरे नारे , वो रामदेव की ओजस्वी आवाज मानो पूरे आसमान को गुंजायमान कर रही थी । करीब तीन किलोमीटर के रास्ते में हर इंसान अपने साथियों को प्रोत्साहित करता दिखा , क्या सीनियर क्या जूनियर , क्या पुरुष क्या महिला ? कुछ अपने पुराने दोस्तों से भी मुलाकात हुई । झुंझुनूं से आई अपनी सहयोगी Dr सुमन मान , बाड़मेर से आए Dr कुंदन दान , दौसा से आए Dr उमेश, सीकर से आए Dr रामदेव, Dr प्रदीप शर्मा और जयपुर के मेरे दोस्त Dr H L Gupta , Dr पंकज जुत्शी । अब तनाव काफी कम हो गया था और जिस्म में एक स्फूर्ति दौड़ रही थी ।
जब तक हम लोग स्टेच्यू सर्किल पहुंचे , वहां पर पुलिस का जमावड़ा करीब 1200 का हो चुका था और साथ ही 100 मीडियाकर्मी एक एक गतिविधि के रिपोर्ट करते हुए मिले । पुलिस जाप्ते ने हम बिरला ऑडिटोरियम के सामने रोक दिया । जब हम और आगे जाने की कोशिश कर रहे थे तब पुलिस ने निर्देशानुसार हम पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी । हमारे लीडरान Dr विजय कपूर , Dr कमलकांत सैनी , Dr अरुण तुनगरिया , Dr रोचक के लाठियां लगी , मगर आज मानो हर कोई हार मानने को तैयार ही नहीं था । कुछ महिला चिकित्सकों को भी लाठी की चोट लगी , मगर उनका भी हौंसला इतना बुलंद था कि एक भी महिला चिकित्सक अपनी जगह से नहीं हिली !
अपने 70 से 75 साल के सीनियर्स को हम में जोश भरने के लिए गाने गाता देखा । Dr. अरुण का जोश , Dr बाबूलाल स्वामी का जज़्बा तारीफ के काबिल है ।
मैं नहीं जानता कि इस लड़ाई में हमारी जीत होगी या हार । मगर आत्मसम्मान के इस लड़ाई में मुझे अब इस काले कानून से फर्क भी नहीं पड़ता क्योंकि मुझे मेरा आत्मसम्मान मिल गया । आज से कुछ सालों के बाद जब मेरे बच्चे मुझे पूछेंगे कि जब ये कानून लागू हुआ तब आप लोग क्या कर रहे थे , तब मैं कहूंगा कि बेटा, मैं स्टेच्यू सर्किल पर लाठियां खा रहा था । अब इस कानून के लागू होने पर मुझे गुस्सा आएगा मगर अफसोस नहीं क्योंकि मैंने इस लड़ाई में अपना सब कुछ लगाया ।
हार में न जीत में
किंचित नहीं भयभीत मैं ।
कर्तव्य पथ पर जो भी मिला ,
ये भी सही, वो भी सही ।।
इस युद्ध में मुझे अरुण , बाबूलाल अनिल बॉस जैसे दोस्त मिले और अपना खोया हुआ सम्मान , मैं तो ये लड़ाई जीत गया ।
सरकारें आएंगी और जाएंगी मगर मैं अब आईने में अपने आप से अपनी नजर मिला पाऊंगा ।
इस कर्तव्य युद्ध में मैं अपने साथियों को बधाई दूंगा कि उन्होंने इस निर्मम सरकार के आगे घुटने नहीं टेक और आंख से आंख मिला कर बात करी ।
हमारे नेताओं ने सिर्फ हमारी जायज मांग को आगे पहुंचाया और कुछ पुराने चावलों के तरह under the table कोई समझौता नहीं किया । पुलिस वाले ये कह रहे थे कि अपने पूरे सर्विस काल में कभी डॉक्टर्स का इतना बड़ा आंदोलन नहीं देखा ।
जब वाटर कैनन गन ,लाठियां और आंसू गैस की बंदूकें आप पर उठी हुई हों और उसके बावजूद आप पूरे जोश में सड़क पर बैठे हुए नारे लगाते रहो, ऐसा जज़्बा मैने साक्षात कल देखा ।।
आप सभी को प्रणाम ।।
मैं अपने सभी सहयोगियों से गुजारिश करता हूं कि सिर्फ एक बार आप जयपुर आकर ये दृश्य देख लो , अगर आप की आत्मा तक न झझकौर जाए तो मुझे कहना । मर्सिडीज में घूमने वाले डॉक्टर्स सड़क पर बैठे और सो रहे हैं , five star होटल में खाना खाने वाले लोग लाठियां खा रहे थे , आईफोन पर बात करने वाले माइक पर चिल्ला रह थे । मेरे दिमाग से ये दृश्य कभी नहीं मिट सकते।
जागो दोस्तों और अपने गौरव को हासिल करो ।

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