Different strokes

क्या हमें अपनी विरासत पर नहीं है गर्व ? वैदिक गणित ,संस्कृत, देसी भाषा विज्ञान, खगोल शास्त्र पर हमें नहीं है भरोसा ? 2000 वर्ष पूर्व सुश्रुत संहिता मैं शल्य तंत्र ट्रेनिंग , इंस्ट्रूमेंट और सैकड़ों सर्जिकल प्रोसीजर का जिक्र है। महर्षि सुश्रुत को फादर ऑफ सर्जरी और फादर ऑफ प्लास्टिक सर्जरी माना गया है क्योंकि उस समय के ग्रंथों में ग्राफ्ट, वैस्कुलर और लिगामेंट की इंजरी , नाक और आंख की सर्जरी , amputation, डेंटिस्ट्री और obstetric opeartion का उल्लेख है। सभ्यताओं के विकास के ये साथ बेहतर होते चले गए। क्या हम यह समझते हैं कि सैकड़ों वर्ष पूर्व सिर्फ जड़ी बूटियों के लेप से ही ईलाज होता था ,युद्ध के समय होने वाली भारी मारकाट का भी उस समय के चिकित्सक उपचार करने में सक्षम नहीं थे? बीएचयू की आयुर्वेद की प्रॉक्टोलॉजी ओपीडी में आज भी 200 -300 मरीज आते हैं हरिद्वार के ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में कई तरह के सर्जिकल प्रोसीजर किए जाते हैं ।भारत में आयुर्वेद की प्रॉक्टोलॉजी की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसेस भी होती है ।। किसी मिस्त्री या बढ़ई ने कभी यह नहीं कहा कि कार्पेंट्री और घर बनाने का काम सिर्फ वही करेंगे ? मारुति और फोर्ड कंपनी ने कभी यह कहा कि कार विकसित करने का काम सिर्फ उन्हीं का है ? क्या गांव में बेलगाडी में ट्रक के पहिये लगाने से कोई रोक सकता है? हम क्यों विरोध कर रहे हैं की एमएस आयुर्वेद में ट्रेंड पोस्ट ग्रेजुएट कुछ चंद बेसिक सर्जरी नहीं कर सकते? वर्षों से हमारे प्रेसक्रिप्शन पर लिव-52 जैसे तमाम आयुर्वेदिक प्रोडक्ट रहे हैं। साड़ी को आधुनिक रूप रंग दे दिया जाए तो वह फैशन स्टेटमेंट बन जाता है ।मॉडर्न डांस में क्लासिकल डांस का मिक्सर fusion dance किसको पसंद नहीं है ? किसी मॉडर्न म्यूजिक में बाँसुरी ,हारमोनियम जैसे पुराने वाद्य यंत्रों का मिक्सर गाने को और सुंदर बना देता है ! क्या इसको मिक्सोपेथी कहते हैं ? किसने इजाद किया यह शब्द ? दिल्ली हेड क्र्वाटर में इजाद किया यह शब्द शायद सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए राजनैतिक हथकंडा नहीं है? क्या खतरा है हमारे आगे आने वाली पीढ़ियों को ? यह डर दिखाकर हमें क्या बहकाया जा रहा है?

भ्रष्ट एमसीआई को समाप्त करते समय सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया गया कि फार्मेसिस्ट, आयुष और बंगाली डॉक्टर हमारे बगल में बैठ के हमें चुनौती देंगे ! ब्रिज कोर्स में ट्रेंड ऐसे वैसे कितने डॉक्टरों ने अपनी दुकानें आपके बगल मे शुरू की है ? (सरकार ने राज्यों को सिर्फ सलाह दी थी कि जहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं है वहां पैरामेडिकल को मात्र 30 दवाइयों की ट्रेनिंग के पश्चात लिखने की कानूनी मान्यता मिल सकती है) । सोशल मीडिया पर ब्रिज कोर्स का ड्रामा महीनों चला! आज के समय में सिर दर्द होने पर मरीज न्यूरो फिजिशियन को दिखाना पसंद करता है ऐसे समय में कोई अनट्रेंड आदमी सर्जरी की सोच भी नहीं सकता, पब्लिक उसका वही हिसाब कर देगी। करोना काल में करोड़ों देशवासियों ने आयुर्वेदिक काढ़े को पिया, chloroquine और ivermectin के साथ। mixopathy क्या नुकसान हुआ !!!! दूर गांव में सांप के काटने पर यदि कोई झाड़-फूंक वाला मरीज और मरीज के घरवालों को दिलासा देता है भरोसा देता है तो क्या सही या गलत है ? भारत में health for all के सपने को पूरा क्या अकेले हम ही करेगें ? 135 करोड़ लोगों को ना हम गांव में m.r.i. सीटी स्कैन उपलब्ध करा सकते हैं ना ही angioplasty और रिप्लेसमेंट सर्जरी । सभी इलाज की पद्धतियों के इस्तेमाल की बिना यह संभव नहीं है! हम इतना पढ़े लिखे, इन्टेलीजेंट होने के बावजूद भी डर रहे है ? कोई भी आयुर्वेदिक पोस्टग्रेजुएट कितनी भी ट्रेनिंग ले ले प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और स्पेसिफिक सर्जरी कर पाएगा ? और अगर वह दूरदराज के इलाकों में कुछ जरूरी बेसिक सर्जिकल प्रोसीजर करता भी है तो वह जनता की सेवा ही होगी!

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: